सरकार किसानों के सुविधा के लिए किसान क्रेडिट कार्ड द्वारा लोन प्रदान करती है ताकि वे अपनी सभी प्रकार के जरूरतों को पूरा कर सके. लेकिन कई बार किसान इस लोन को चुकाने में असमर्थ हो जाते है. ऐसे स्थिति में बैंक, लोन का ब्याज बढ़ा सकती है.
जब भी किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिया जाता है, उस समय बैंक के पास कुछ न कुछ गिरवी रखा जाता है. यदि किसान क्रेडिट कार्ड का लोन नही चुकाते है, तो बैंक द्वारा उस संपत्ति को जप्त या नीलाम किया जाता है. इसके अलावे, अन्य क़ानूनी प्रक्रियो को भी फॉलो किया जा सकता है, जिसमे संपत्ति की नीलामी, गिरफ्तारी आदि शामिल है. आइए किसान क्रेडिट कार्ड लोन न चुकाने पर क्या होता है और नियम क्या है के बारे में जानते है.
किसान क्रेडिट कार्ड न चुकाने पर क्या होता है
किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वाले लाभार्थीयों में कुछ लोग लोन को चुकाने में असमर्थ हो जाते है. ऐसे में सरकार उनकी स्थिति को देखते हुए कई बार लोन माफ़ कर देती है. लेकिन ऐसा हमेशा और हर किसी के साथ नही होता है. यदि किसान क्रेडिट कार्ड लोन को समय पर जमा नहीं करते हैं, तो बैंक द्वारा कार्रवाई की जा सकती है.
बैंक लोन चुकाने के लिए किसानो को कई विकल्प प्रदान करती है, ताकि किसान अपने सुविधा अनुसार उसे पूरा कर सके. यदि इतने छुट के बाद भी लोन नही चुकाते है, तो बैंक लोन रिकवरी के लिए निम्न में से कई विकल्प को अपनाती है.
स्टेप 1: नोटिस जारी करना
किसान क्रेडिट कार्ड लोन की लगातार 3 या उससे अधिक ईएमआई नहीं जमा करने पर बैंक द्वारा आपको नोटिस भेजा जाता है. यदि आप नोटिस का जवाब देते हैं, तो, अपने लोन का सेटलमेंट बैंक जाकर बैंक मैनेजर के साथ कर सकते हैं.
और यदि किसान नोटिस का कोई जवाब नहीं देते है, तो बैंक द्वारा उन्हें तीन बार नोटिस दिया जाता है. नोटिस प्रक्रिया होने के बाद बैंक द्वारा दूसरी प्रक्रिया अपनाई जाती है.
स्टेप 2: रिकवरी एजेंटों को भेजा जाएगा
जब किसान द्वारा नोटिस का कोई भी जवाब नहीं दिया जाता है, तो बैंक रिकवरी एजेंट को आपका एड्रेस देकर आपके घर भेजा जाता है. एजेंट कृषि लोन चुकाने के लिए आग्रह करते हैं.
एजेंट द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड लोन चुकाने के लिए दवाब भी बनाया जा सकता है. इसके अलावे, विभिन्न प्रकार के डर भी दिखाया जा सकता है जो संभवतः बैंक आपके खिलाफ कर सकती है.
ध्यान दे, यह दबाव केवल नैतिक तौर पर होगा, कोई भी एजेंट आपके साथ बदतमीजी या मारपीट नहीं कर सकते है. यदि कोई ऐसा करता है, तो शिकायत कर सकते है.
स्टेप 3: डिफॉल्ट एवं एनपीए घोषित करना
उपरोक्त दोनों प्रक्रिया के विफल होने के बाद बैंक द्वारा किसान के बैंक खाते को डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है. इससे किसान का सिबिल स्कोर ख़राब हो जाता है. अर्थात, ख़राब सिबिल स्कोर से किसान दुबारा लोन किसी भी बैंक से नही ले सकते है.
लेकिन यदि किसान चाहे तो पुनः सिबिल स्कोर को ठीक कर सकते है. इसके लिए उन्हें पहले लिए हुए लोन को जमा करना पड़ेगा. इसके बाद बैंक में सिबिल स्कोर फिर अच्छा हो जाएगा.
स्टेप 4: सेटलमेंट का अंतिम अवसर देना
बैंक द्वारा अंतिम अवसर के रूप में किसान को एक नोटिस जारी कर सूचित किया जाएगा कि बैंक किसान के सभी ब्याज, चार्ज, पेलेंटी को माफ कर देगी. बशर्तें किसान को मूल राशि चुकाने पड़ेंगे.
यदि किसान अंतिम असवर को स्वीकार करते है, तो उनके बैंक अकाउंट को डिफाल्टर घोषित कर मूल राशी को स्वीकार कर लिया जाएगा.
ध्यान दे, इस स्टेप में किसान से मूल राशी लेने के बाद किसान किसी अन्य बैंक से लोन कभी भी नही ले सकते है.
स्टेप 5: केस दर्ज करना
बैंक द्वारा दिए गए सभी विकल्पों के बाद बाद भी किसान द्वारा लोन नही चुकाया जाता है, तो बैंक द्वारा किसान पर कोर्ट में केस दर्ज करवाया जाता है.
कोर्ट में भी लोन चुकाने के लिए विभिन्न विकल्प प्रदान किए जाते है. इसके साथ ही कुछ समय भी किसान को उपलब्ध कराया जाता है, ताकि किसान लोन की भुगतान कर सके.
इसके बाद भी यदि KKC लोन नही चुकाते है, तो क़ानूनी प्रक्रिया को फॉलो किया जाता है. फैसला आने के बाद आपके द्वारा बैंक के पास रखी गई गिरवी संपत्ति को नीलाम किया जा सकता है.
स्टेप 6: संपत्ति की नीलामी करना
किसान क्रेडिट कार्ड लोन के चुकौती में बैंक की सभी प्रक्रिया विफल होने के बाद बैंक द्वारा किसान के नाम पर नीलामी पत्र घोषित किया जाता है. ग्राम सभा में बैंक द्वारा सभी के समक्ष नीलामी का प्रस्ताव रखा जाता है, जिसमे किसान भी शामिल होते है.
नीलामी से प्राप्त राशी से बैंक पहले लोन की मूलधन, ब्याज, एवं अन्य राशी को जोड़कर काट लिया जाएगा. यदि राशी लोन से अधिक होती है, तो शेष आपको प्रदान कर दिया जाएगा.
लेकिन यदि नीलामी की राशी कम होती है, तो आपको उसे देना पड़ेगा. अन्यथा उसके बदले आपको जेल की भी सजा हो सकती है.
ध्यान दे: यदि आपका संपत्ति लोन की राशी से अधिक कीमत की है, तो उसे बेच कर लोन को चूका दे. आप कानूनी प्रक्रिया से बच सकते है.
किसान क्रेडिट कार्ड लोन नही चुकाने पर क्या करें
यदि आपको लगता है कि किसान क्रेडिट कार्ड लोन चुकाने में असमर्थ है, तो परेशान होने की जरुरत नही है. क्योंकि, बैंक दूसरा विकल्प भी प्रदान करती है ताकि किसानों पर अतिरिक्त दवाब न पड़े.
लोन चुकाने के सन्दर्भ में बैंक में जाए और लोन नही चुकाने के स्थित में होने के विषय में बात करे. हो सकता है कि बैंक लोन चुकाने की अवधि बढ़ा दे और लोन पर ब्याज दर भी कम कर दे. यदि यह प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है, तो बैंक से लिखित में प्रमाण अवश्य ले, ताकि बाद में आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो.
शरांश: अगर कोई व्यक्ति किसान क्रेडिट कार्ड लोन चुकाता है, तो बैंक या वित्तीय संस्था उसे डिफ़ॉल्टर घोषित कर सकती है. इससे ग्राहक का सिबिल खराब हो जाएगा और भविष्य में कभी लोन नही मिलेगा. या लोन चुकाने हेतु बैंक आप पर केस करेगा, और लोन चुकाने के आर्डर आने पर बैंक जमीन सहित किसान की संपत्ति को कुर्क कर बेच सकता है. इसके अलावा, अगर KCC धारक की मौत हो जाती है, तो भी बैंक उसके वारिसों से लोन चुकाने की मांग कर सकती है.
FAQs: KCC लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है
यदि खराब मौसम के कारण फसल खराब हो जाती है और KCC लोन नही चूका पाते है, तो सरकार किसान क्रेडिट कार्ड लोन माफ कर सकते है. लेकिन लोन पूरा माफ होगा या कुछ परसेंट होगा यहाँ कहा नही जा सकता है.
यदि किसान क्रेडिट कार्ड न चुकाने पर बैंक आपको नोटिस भेज सकती है. यदि नोटिस का जवाब न देने पर बैंक आपकी संपत्ति की नीलामी भी कर सकती है.
किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वाले कर्जदार की अगर असमय मृत्यु हो जाती है, तो ऐसी स्थिति में बैंक अपना लोन माफ भी कर सकती है और लोन मृतक के संपत्ति से वसूल भी कर सकती है.
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